ड्रिप सिंचाई तकनीक के जरिये मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के टमाटर किसान न सिर्फ ज्यादा पैदावार ले रहे हैं बल्कि इससे उनकी आमदनी में भी करीब 50 फीसदी की वृद्धि हुई है। दुनिया की सबसे बड़ी इरिगेशन कंपनी नेटाफिम बेटर लाईफ फार्मिंग (बीएलएफ) के तहत किसानों को कृषि इनपुट पर ज्यादा खर्च किए बिना टमाटर की पैदावार बढ़ाने और उनकी आमदनी में वृद्धि करने में मदद कर रही है। इस अभियान के तहत किसानों को ड्रिप इरिगेशन टेक्नॉलॉजी अपनाने का प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
शिवपुरी जिले के खजूरी, कोलारस और पोहारी क्षेत्र में मौजूद चार बेटर लाईफ फार्मिंग केंद्रों द्वारा ड्रिप सिंचाई प्रणाली को किसानों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। नेटाफिम ने अब तक जिले के 1,600 हेक्टेयर जमीन में ड्रिप इरिगेशन प्रणाली कार्यान्वित की है। यह देखा गया है कि जो किसान बिना ड्रिप इरिगेशन के प्रति एकड़ 20 टन की पैदावार ले रहे थे और उन्हें केवल 1-1.2 लाख रुपये तक की आमदनी हो रही थी, इस आधुनिक टेक्नोलॉजी की सहायता से वे अब प्रति एकड़ 30 टन की पैदावार करते हुए 1.5-2.5 लाख रुपये की कुल कमाई कर कमा पा रहे हैं।
मध्य प्रदेश का शिवपुरी जिला प्रमुख टमाटर उत्पादकों में से एक है। पारंपरिक तौर पर जिले के किसान कुल 8,145 हेक्टेयर जमीन में 2.5 लाख टन टमाटर उगाते हैं। टमाटर के लिए मशहूर होने के बावजूद और अक्सर बाजारों में टमाटर के अच्छे दाम होने पर भी शिवपुरी के छोटे किसानों को टमाटर की बेहतर पैदावार के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके सबसे बड़े कारणों में से एक है टमाटर की खेती में फ्लड इरिगेशन का उपयोग है, जिससे कृषि इनपुट का खर्च बढ़ जाता है, उर्वरक की बर्बादी अधिक होती है और खरपतवार की मात्रा बढ़ने की अधिक संभावना होती है।
टमाटर की खेती में काफी ज्यादा पानी लगता है, खासकर पौधा लगाने के तुरंत बाद, ताकि उत्पादन की प्रक्रिया में वह अपनी पूरी क्षमता तक पहंच सके। इस जरूरत को ड्रिप इरिगेशन टेक्नॉलॉजी अच्छी तरह से पूरा करता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात में टमाटर के खेतों में ड्रिप इरिगेशन के सफल मॉडल को दोहराते हुए और खेती का एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए नेटाफिम लगातार ड्रिप इरिगेशन प्रणाली लागू करने का सतत प्रयास कर रही है। ड्रिप इरिगेशन में पानी और पोषक तत्वों की नपी तुली मात्रा सही समय पर सीधे जड़ों तक पहुंचती है, जिससे किसानों को इनपुट की लागत में 25 फीसदी की कमी लाने और ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाने में मदद मिलती है।
किसानों की सुविधा के लिए कंपनी ने उन्नत छोटा ड्रिप किट उपलब्ध कराया है। यह किट 1 बीघे के छोटे खेत और बड़े खेतों के लिए भी उपलब्ध है। यह ड्रिप किट बक्से में आता है और एक जगह से दूसरी जगह सुविधाजनक तरीके से ले जाया जा सकता है। किसान बिना किसी तकनीकी सहायता और श्रमिक के इसे खुद से लगा सकते हैं। टमाटर की फसल लेने लेने के बाद इस किट के सब-मेन पाईप का उपयोग गेहूं में फरो इरिगेशन के लिए भी किया जा सकता है।
नेटाफिम के बिजनेस डेवलपमेंट हेड अमित महेश्वरी ने कहा, ‘‘बैटर लाईफ फार्मिंग केंद्रों द्वारा शिवपुरी में टमाटर उत्पादकों को उच्च गुणवत्ता के कृषि इनपुट, वित्तपोषण और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराए गए हैं। कृषि इनपुट के सर्वोत्तम इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित कर टमाटर की फसल कटाई का समय निर्धारित करना किसानों के लिए जरूरी है। ड्रिप इरिगेशन टेक्नॉलॉजी अपनाकर ही ऐसा किया जा सकता है। आने वाले समय में बैटर लाईफ फार्मिंग केंद्र नेटाफिम की विशेषज्ञता के साथ कृषि के परिदृश्य में परिवर्तन लाने में मुख्य भूमिका निभाएंगे और जिले में टिकाऊ व समृद्ध खेती का परिवेश स्थापित करेंगे।’’
मध्य प्रदेश में बीएलएफ के 65 केंद्र हैं और यह लगातार बढ़ रहे हैं। अपने केंद्रों के माध्यम से बेटर लाइफ फार्मिंग का सफल गठबंधन खेती के समग्र समाधान प्रदान करता है। बेटर लाइफ फार्मिंग छोटे किसानों के लिए बायर, नेटाफिम और आईएफसी का संयुक्त वैश्विक अभियान है। इसके तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता के कृषि इनपुट, सर्वश्रेष्ठ बीज और अत्याधुनिक माईक्रो-इरिगेशन टेक्नॉलॉजी उपलब्ध कराए जाते हैं।