नई दिल्ली,
बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने कहा है कि बफर स्टॉक से प्याज के बाजार में जारी होने से प्याज की कीमतों में स्थिरता आ रही है। कीमतों में कमी के लिए न्यूनतम भंडारण हानि सुनिश्चित करने के लिए अगस्त के अंतिम सप्ताह से फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट (फीफो) के आधार पर बाजार में प्याज उपलब्ध कराया जा रहा है। केंद्र सरकार ने कहा है कि प्याज का बफर स्टॉक उन राज्यों में जारी किया जा रहा है जहां कीमतें अखिल भारतीय औसत से ऊपर हैं और पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही हैं। इसका नतीजा यह रहा कि 14 अक्टूबर को महानगरों में प्याज का खुदरा भाव 42 से 57 रुपये प्रति किलो के दायरे में रहा। प्याज का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 37.06 रुपये प्रति किलो था जबकि औसत थोक भाव 14 अक्टूबर को 30 रुपये प्रति किलो था।
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि प्याज का बफर स्टॉक उन राज्यों में जारी किया जा रहा है जहां कीमतें अखिल भारतीय औसत से ऊपर हैं और कीमतें पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही हैं। इसके साथ मंत्रालय ने कहा है कि 12 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली, कोलकाता, लखनऊ, पटना, रांची, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, हैदराबाद, बंगलुरू, चेन्नई, मुंबई, चंडीगढ़, कोच्चि और रायपुर जैसे प्रमुख बाजारों में कुल 67,357 टन प्याज जारी किया गया।
मंत्रालय ने आगे कहा कि प्याज का स्टॉक खुदरा विपणन में शामिल केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को या तो 21 रुपये प्रति किलो की प्री-स्टोरेज दर पर या परिवहन लागत को शामिल करने के बाद आपूर्ति के लिए उपलब्ध है। मदर डेयरी की रिटेल चेन 'सफल' को 26 रुपये किलो प्याज देने की बात हो रही है. कीमतों को कम करने के लिए प्रभावी बाजार हस्तक्षेप के उद्देश्य से सरकार मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत प्याज बफर बनाती है। 2021-22 में दो लाख टन के लक्ष्य की तुलना में अप्रैल से जुलाई 2021 के दौरान रबी 2021 की फसल से 2.08 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाया गया था।