कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि खेती में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का इस्तेमाल कम करने में निजी क्षेत्र को सरकार की मदद के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और अर्थव्यवस्था में इस सेक्टर का योगदान भी बहुत बड़ा है, लेकिन किसानों के लिए मुनाफा भी उतना ही महत्वपूर्ण है। कृषि में मुनाफा बढ़ाना और फसल कटाई के बाद उसके नुकसान को कम करना बहुत जरूरी है। इससे किसानों को नुकसान कम से कम होगा। सरकार कई योजनाओं के जरिए इस दिशा में कार्य कर रही है। तोमर ग्यारहवें एग्रो केमिकल्स कॉन्फ्रेंस 2022 को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा रसायन एवं उर्वरक विभाग की मदद से उद्योग संगठन फिक्की ने किया था।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार अधिक कीमत वाली फसलें उपजाने में किसानों की मदद के लिए नई टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। फसल उत्पादन में एकरूपता सुनिश्चित करने के साथ उनमें गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में बागवानी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि भारत हर मामले में आत्मनिर्भर हो सके। अनाज के मामले में हमारी स्थिति बहुत अच्छी है। विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए हमें विकसित देशों की तरफ देखना होगा और उनके साथ आगे बढ़ना होगा।
इस मौके पर रसायन एवं उर्वरक राज्यमंत्री भगवंत खूबा ने कहा, सरकार किसानों के फायदे को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहती है। आबादी बढ़ने के साथ खाद्य सुरक्षा पर फोकस करना महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना है कि किसानों की लागत कम हो और पर्यावरण भी सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करना सरकार की सिर्फ प्रतिबद्धता नहीं बल्कि दृढ़ निश्चय भी है। उन्होंने इंडस्ट्री से जैविक कीटनाशकों पर फोकस करने का आग्रह किया और कहा कि इन्हें भारत में भी बनाने को बढ़ावा दिया जाना।
फिक्की की फसल सुरक्षा समिति के साथ-साथ धानुका समूह के चेयरमैन आर जी अग्रवाल ने कहा, हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह उर्वरकों की तरह कीटनाशकों पर भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटाकर 5 फ़ीसदी करे। इससे छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को कीटनाशक उद्योग को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव भी देना चाहिए ताकि देश में इन्हें बनाने को बढ़ावा मिल सके।