चालू पेराई सीजन 2024-25 में देश का चीनी उत्पादन गत वर्ष के मुकाबले 10 फीसदी घटकर 330.5 लाख टन रहने का अनुमान है। गन्ने की फसल पर मौसम की मार के चलते प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और कर्नाटक के उत्पादन में गिरावट के कारण यह कमी आ सकती है। उत्पादन में गिरावट के बावजूद शुगर इंडस्ट्री का मानना है कि देश में पर्याप्त चीनी स्टॉक रहेगा।
शुगर इंडस्ट्री के संगठन इस्मा ने वर्ष 2023-24 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी उत्पादन का अपना दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया है। इस दौरान देश में कुल 330.5 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 366.2 लाख टन था। इस्मा के अनुसार, महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 118.5 लाख टन से घटकर 99.9 लाख टन रहेगा। जबकि कर्नाटक का चीनी उत्पादन 65.8 लाख टन से घटकर 49.7 लाख टन रह सकता है। हालांकि, इस साल उत्तर प्रदेश का चीनी उत्पादन 118.9 लाख टन से बढ़कर 119.9 लाख टन होने की उम्मीद है। यूपी इस बार देश का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य होगा।
चीनी उत्पादन में गिरावट की आशंका को देखते हुए सरकार ने गन्ने के रस से एथेनॉल बनाने पर रोक लगा दी थी। साथ ही साल 2023-24 में एथेनॉल उत्पादन के लिए केवल 17 लाख टन चीनी के डायवर्जन की अनुमति दी है। इस प्रकार शुद्ध चीनी उत्पादन लगभग 313.5 लाख टन रहेगा। जबकि गत वर्ष शुद्ध चीनी उत्पादन 328.2 लाख टन था। तब सरकार ने एथेनॉल के लिए 38 लाख टन चीनी के इस्तेमाल की अनुमति दी थी।
पेराई सीजन की शुरुआत में 1 अक्टूबर, 2023 को देश में लगभग 56 लाख टन चीनी का स्टॉक था। इस साल 313.5 लाख टन चीनी के शुद्ध उत्पादन और करीब 285 लाख टन की घरेलू खपत को देखते हुए इस्मा ने सीजन के आखिर में 30 सितंबर, 2024 तक अंतिम स्टॉक 84.5 लाख टन के आसपास रहने का अनुमान लगाया है।
इस्मा का मानना है कि सरकार इस साल एथेनॉल उत्पादन के लिए लगभग 18 लाख टन अतिरिक्त चीनी डायवर्जन की अनुमति आराम से दे सकती है। फिर भी, अंतिम स्टॉक अगले सीजन में लगभग तीन महीने की आपूर्ति के लिए पर्याप्त होगा।
अब तक कितना चीनी उत्पादन?
इस्मा के अनुसार, चालू सीजन 2023-24 में अक्टूबर-जनवरी के दौरान देश में 187.2 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में लगभग 195 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था।
नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएफएफ) के मुताबिक, जनवरी के अंत तक देश भर में 517 चीनी मिलों में कुल 1928 लाख टन गन्ने की पेराई की गई, जिससे 9.71 प्रतिशत की औसत रिकवरी के साथ 187 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया। एनएफसीएफएफ का भी अनुमान है कि इस साल देश में कुल नया चीनी उत्पादन 314 लाख टन रहेगा।
चीनी उत्पादन की स्थिति को देखते हुए एनएफसीएफएफ ने भी सरकार से एथेनॉल उत्पादन के लिए कम से कम 15 लाख टन अतिरिक्त चीनी के उपयोग की अनुमति देने का अनुरोध किया है
महाराष्ट्र में 9.60 प्रतिशत की औसत रिकवरी के साथ 676 लाख टन गन्ने की पेराई कर 65 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। महाराष्ट्र में पेराई सत्र मध्य अप्रैल तक चलने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश में 574 लाख टन गन्ने की पेराई से 10.5 प्रतिशत की औसत रिकवरी के साथ 57.65 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ है। उत्तर प्रदेश में चीनी सीजन मई के मध्य तक चलने की उम्मीद है। कर्नाटक ने 377 लाख टन चीनी की पेराई की है और 9.75 प्रतिशत की औसत रिकवरी के साथ 37 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।