देश के बड़े ग्रेन कामर्स प्लेटफार्म आर्या.एजी को 250 करोड़ रुपये की फंडिंग के लिए गारंटको ने एचएसबीसी को गारंटी दी है। प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट ग्रुप (पीआईडीजी) की सहयोगी गारंटको वित्तीय समावेश और कमजोर आय वर्ग के समू्हों के लिए काम करती है। आर्या द्वारा इस फंडिंग का उपयोग किसानों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और छोटे एग्रीबिजनेस कारोबारियों को पोस्ट हार्वेस्ट वित्तीय जरूरतों को पूरा करने किया जाएगा ताकि सांस्थानिक वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के जरिये किसान अपनी उपज की बेहतर कीमत हासिल करने के साथ ही भंडारण सुविधाओं का उपयोग कर बेहतर आय हासिल कर सकें। आर्या.एजी के संस्थापकों प्रसन्ना राव, आनंद चंद्रा और चट्टानाथन देवराजन ने गुरुवार को एक मीडिया राउंडटेबल में यह जानकारी साझा की। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आर्या.एजी वित्त वर्ष 2027 तक आईपीओ लाने की योजना पर भी काम कर रही है।
आर्या.एजी के मुताबिक गारंटको के जरिये भारत के कृषि क्षेत्र में यह पहली फंडिंग है और उसका फोकस वित्तीय समावेशन को मजबूत करना व जलवायु अनुकूलता पर है। देश में 60 फीसदी कार्यबल कृषि क्षेत्र में आजीविका पाता है और देश की जीडीपी में कृषि की हिस्सेदारी 20 फीसदी है। लेकिन अभी तक भी कृषि क्षेत्र की संभावनाओं का पूरा उपयोग नहीं हो सका है और अभी भी कृषि परिवारों में आधे लोगों को सांस्थानिक वित्तीय सुविधाओं का फायदा नहीं मिल सका है।
गारंटको की क्रेडिट गारंटी से मिलने वाले कर्ज को एचएसबीसी आर्या.एजी की दो सहयोगी कंपनियों को देगी इनमें एक है इंटीग्रेटेड कामर्स प्लेटफार्म आर्याटेक और दूसरी है फिनटेक कंपनी आर्याधन. आर्या को पीआईडीजी ट्रस्ट द्वारा टेक्नीकल असिस्टेंट ग्रांट भी मिली है।
आर्या के को-फाउंडर और सीईओ प्रसन्ना राव ने बताया कि आर्या तीन तरह से काम करती है। कंपनी किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत दिलाने के लिए उनकी उपज को अपने स्टोरेज नेटवर्क के जरिये भंडारण की सुविधा उपलब्ध कराती है। साथ ही वह पैसे की किल्लत के चलते अपनी उपज को कम दाम पर बेचने को मजबूर हो तो उसके लिए उनको अपनी एफएमसी कंपनी और बैंकों के जरिये कर्ज उपलब्ध कराती है। साथ ही कंपनी ने खुद की स्टोरेज क्षमता के साथ भंडारण स्टोरेज का नेटवर्क तैयार किया जो डिजिटल प्लेटफार्म पर उपलब्ध है। वहीं कंपनी के स्टोरेज नेटवर्क में स्टोर उपज की बिक्री के लिए खरीदार और विक्रेता को जोड़ती है और किसानों को उनकी उपज का तुरंत भुगतान सुनिश्चित करती है। इस स्टेज पर खरीदार की वित्तीय जरूरतों के लिए कर्ज भी उपलब्ध कराने का काम आर्या करती है। हमारा अधिकांश काम डिजिटली होता है और हमारी कोशिश किसानों का वित्तीय समावेशन, उनका पोस्ट हार्वेट नुकसान कम करना और कृषि उपज की डिस्ट्रेस सेल से किसानों को सुरक्षा प्रदान करना है। इसका सीधा फायदा किसानों को हो रहा है और उनकी आय में बढ़ोतरी हुई है।
आर्या के कोफाउंडर और सीओओ आनंद चंद्रा ने कहा कि हमारा मकसद अपने कस्टमर को वैल्यू प्रदान करना है। साथ हमारे द्वारा दिये जा रहे कर्ज में 52 फीसदी डिजीटली डिस्बर्स किया जा रहा है इसे हम एक साल में 75 फीसदी पर ले जाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। आर्या जहां हमारे साथ काम करने वाले किसानों की आय बढ़ाने में कामयाब रही है वहीं ग्रेन के वेस्टेज में कमी लाने में भी हमने मदद की है।
आईपीओ के बारे में प्रसन्ना राव ने कहा कि हम 2027 के वित्त वर्ष को लक्ष्य लेकर चल रहे हैं और हम स्टाक मार्केट के मुख्य प्लेटफार्म पर ही आएंगे। इसके पहले हम कंपनी के मुनाफे जो 150 से 200 करोड़ रुपये के स्तर पर जाने का लक्ष्य रखकर चल रहे हैं।
एग्रीटेक में फंडिंग और यूनिकार्न नहीं होने सवाल पर उन्होंने कहा कि जो भी कंपनी वैल्यू क्रियेट करने का लक्ष्य लेकर चलेगी वही कामयाब रहेगी। वहीं हमने देखना है कि हमें अपनी वैल्यूएशन अपने मुनाफे वाले कारोबार के साथ बढ़ानी है या कैश बर्न के जरिये, इसमें हम पहले विकल्प को ही मानकर चल रहे हैं। हर साल हमारा मुनाफा दो गुना हो रहा है। खाद्यान्न के मुख्य बिजनेस पर उनका कहना है जो कमोडिटी तीन माह की शेल्फ वैल्यू वाली है हम उसी पर काम कर रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में आर्या पेरिसेबल एग्री प्रॉडक्ट के बिजनेस में उतरने की योजना पर भी काम कर रही है लेकिन इसके लिए फार्म गेट पर बेहतर नतीजे देने वाली टेक्नोलॉजी की जरूरत है और उसके लिए हम कई एग्रीटेक कंपनियों के साथ बात कर रहे हैं।
गारंटको के मैनेजिंग डायरेक्टर, एशिया इनवेस्टमेंट, निशांत कुमार ने कहा कि भारत के एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए अहम मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही कंपनी आर्या और एचएसबीसी के साथ काम करने की हमे खुशी है। आर्या एक विशिष्ट इन्नोवेटिव कंपनी है जो किसानों की स्टोरेज और वित्तीय जरूरतों को पूरा कर उनकी आय बढ़ाने के लिए काम कर रही है। इस फंडिंग के जरिये आर्या के इंटिग्रेडिट वैल्यू चेन को बढ़ावा मिलेगा और देश के पोस्ट हार्वेस्ट मार्केट का विस्तार होगा। गारंटिको कम आय वर्ग वाले समुदायों को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
वहीं एचएसबीसी की इंक्लुसिव बैंकिंग यूनिट की प्रमुख और एमडी सोनाली शाहपुरवाला ने कहा कि हमें गारंटिको और आर्या के साथ जुड़कर खुशी हो रही है। भारत की अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्र एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए यह फंडिंग अहम है। आर्या जैसे बिजनेस को सपोर्ट करने वाली यह फंडिंग हमारे उस कमिटमेंट को पुख्ता करती है जिसका मकसद समावेशी और टिकाऊ विकास है।
आर्या एजी के को-फाउंडर आनंद चंद्रा ने कहा कि गारंटको और एचएसबीसी के साथ पार्टनरशिप से किसानों, एफपीओ और एग्री आंत्रप्रन्योर के साथ काम करने की हमारी क्षमता में बढ़ोतरी होगी और हम मार्केट लिंकेज व समावेशी कृषि इकोसिस्टम का दायरा बढ़ा सकेंगे।