भारत की अग्रणी क्रॉप साइंस एग्रोकेमिकल कंपनी जीएसपी को व्हाइटफ्लाई कीट के नियंत्रण वाली कीटनाशक दवा पाइरीप्रोक्सीफेन और डिफेनथियूरोन फार्मुलेशन का पेटेंट मिला है। औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग के अंतर्गत आने वाले पेटेंट और डिज़ाइन नियंत्रक कार्यलय ने जीएसपी के पक्ष में इस संबंध में एक आदेश पारित किया है । जीएसपी इसे एक प्रमुख उपलब्धि के रूप में, देख रही है। यह कीटनाशक व्हाइटफ्लाई कीट नियंत्रण के लिए प्रयोग किया जाता है। कंपनी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
जीएसपी क्रॉपसाइंस एग्रोकेमिकल कंपनी पहले से ही स्थानीय तकनीक से डायफेंथियूरोन का उत्पादन कर रही है और इसको कई देशों में निर्यात कर रही है। किसी SEसूत्रीकरण में डायफेंथियूरोन + पाइरीप्रोक्सीफेन का एकमात्र सम्मिश्रण तैयार करने वाली पहली कम्पनी भी जीएसपी है। कृषि, बागवानी और वानिकी फसलों को नुकसान पहुंचाने में व्हाईट फ्लाईस एक बड़ा कारक रही हैं। भारत में यह नारियल, ताड़ बागवानी और कपास की फसल को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाती है।
जीएसपी का नया कीटनाशक फार्मुलेशन SLR 525 SE किसानों का एक भरोसेमंद ब्रांड है और व्हाइट फ्लाई जैसे घातक कीट के नियंत्रण के लिए किसानों द्वारा ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यह सतह पर जल्दी फैलने और एक सतह से दूसरी तक समान रूप से पहुँचने के गुण के कारण पौधों की सतह पर काफ़ी प्रभावी होता है। ये जल-आधारित मिश्रण होने के कारण ईसी फार्मुलेशन में काम में लिए गए विलायकों के पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों को नष्ट कर देता है।
जीएसपी क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड भारत की अग्रणी एग्रो केमिकल्स उत्पादन कंपनियों में से एक है। यह कीटनाशकों, फफूंद नाशकों, खरपतवार नाशी , कीट क्निकल फार्मुलेशन और पौध नियंत्रकों की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करती है। इस पेटेंट को हासिल करने के बाद जीएसपी क्रॉप साइंस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भावेश शाह ने कहा कि हमारी टीम पिछले क़रीब आठ साल की मेहनत का परिणाम है कि जीएसपी को ऐसे संयोजित उत्पाद के लिए पेटेंट मिला है जो किसानों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होगा । हमारा उत्पाद SLR 525 जो कपास और सब्ज़ियों के हर चरण में व्हाईट फ्लाई कीट के हमलों से लड़ने में मदद करता है । भारतीय बाज़ार में अपनी किस्म का पहला उत्पाद है।