भारत में व्यापक कृषि पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय कंपनी बायर अपने सहभागी कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगी। कंपनी ने इस कार्यक्रम की शुरूआत साल 2019 में की थी। आज इस कार्यक्रम से पूरे देश में 4000 से अधिक सहभागी जुड़े हुए हैं।
इसकी पहल ग्रामीण उद्यमियों के लिए बायर के साथ वैकल्पिक अवसरों का पता लगाने और किसानों तक कंपनी की पहुंच बढ़ाने के लिए की गई थी। सहभागी कार्यक्रम एक ग्रामीण सूक्ष्म उद्यमिता विकास मॉडल है जो किसानों, महिलाओं और ग्रामीण युवाओं को सलाहकार बनने और छोटे किसानों को सही समाधान सुझाने का अधिकार देता है।
सहभागी कार्यक्रम के तहत पूरे देश के किसानों के साथ एक मजबूत नेटवर्क स्थापित करने के लिए अधिक से अधिक सहभागी भागीदारों को शामिल किया जाता है। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति जिसे कृषि और स्मार्टफोन का ज्ञान है, वह सहभागी बन सकता है। इसमें युवा कृषि-उद्यमियों को शामिल करने के अलावा, महिलाओं की प्रमुख भूमिका के महत्व को समझते हुए उनको सहभागी बनाने पर जोर दिया जाता है।
बायर का मनना है कि स्मार्टफोन को अपनाने और डिजिटल तकनीक को विकसित करने से कार्यक्रम को और बढ़ावा मिलेगा। बायर सहभागियों को स्थानीय कृषि परिस्थितियों के अनुसार छोटे किसानों को सही समाधान बताने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। बायर सहभागी की सहायता से छोटे किसानों को बायर उत्पादों तक डिजिटल रूप से पहुंच मिलती है। यह कार्यक्रम वर्तमान में 24 राज्यों में 470 से अधिक जिलों में चलाया जा रहा है।
इस अवसर पर भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के लिए बायर के क्रॉप सांइस कंट्री डिविजनल हेड साइमन-थॉर्स्टन वीबुश ने कहा कि हम स्थानीय समुदायों के लाभ के लिए कृषि पद्धतियों में बदलाव कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य टिकाऊ और बेहतर खेती को प्रोत्साहित करके ग्रामीण उत्थान में मदद करना है। उन्होंने कहा कि बायर इन सहभागियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगी ताकि उनके गांवों में एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सके और नवीनतम कृषि और कृषि पद्धतियों को अपनाया जा सके।
बायर ने ग्रामीण आबादी को अधिक जानकारी प्रदान करने और सहभागी कार्यक्रम में नामांकन की सुविधा के लिए एक टोल-फ्री नंबर 18001204049 भी जारी किया है।