स्वास्थ्य और कृषि से संबंधित क्षेत्र में ग्लोबल स्तर अग्रणी कंपनी बायर ने इस साल खरीफ सीजन में कृषि कार्यों के लिए ड्रोन के व्यावसायिक स्तर इस्तेमाल करने की शुरुआत की है। देश के सात से ज्यादा राज्यों में धान, सोयाबीन, मक्का एवं कपास समेत प्रमुख फसलों और बागवानी के लिए किया जाएगा । कमर्शियल स्तर पर बायर ने 2021 में कृषि कार्यों में ड्रोन के प्रयोग को लेकर फील्ड ट्रायल की शुरुआत की थी। बायर ड्रोन की लेबलिंग के लिए रेगुलेटरी डाटा जुटाने के लिए लिए विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केंद्रों के साथ साझेदारी करने वाली पहली कंपनी है।
ड्रोन की वाणिज्यिक सेवाओं से पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और कई अन्य राज्यों के छोटे जोत वाले किसानों को फायदा होगा। इससे किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और प्रगतिशील किसानों को भी फायदा होगा। इसके माध्यम से ऐसे ग्रामीण उद्यमी जो बेटर लाइफ फार्मिंग (बीएलएफ) केंद्रों का संचालन कर रहे हैं, उन्हें नए अवसर प्राप्त होंगे। छोटे किसानों को ड्रोन सेवाएं प्रदान करने के लिए सेटअप स्थापित करने के इच्छुक लोगों को भी अवसर मिलेगा। बायर ऐसे उद्यमियों को मशीनरी मुहैया कराएगा और उन्हें फसलों और उत्पादों की जानकारी देगा। व्यावसायिक सहयोग और प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी।
भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका में बायर्स क्रॉप साइंस डिवीजन के कंट्री डिवीजनल हेड साइमन-थॉर्स्टन वीबुश ने इस सेवा के लॉन्च पर कहा कि 'फसल सुरक्षा के लिए ड्रोन का व्यावसायीकरण और भारतीय किसानों के लिए ड्रोन तकनीक के विकास को प्रोत्साहित प्रयोग की अनुमति देने के लिए सरकार का कदम का हम स्वागत करते हैं। यह सतत कृषि और छोटे जोत वाले किसानों की समृद्धि की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। हम क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि क्षेत्र के उन्नत डिजिटलीकरण और मशीनीकरण के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।
बायर मेक इन इंडिया के लक्ष्य का सपोर्ट करती है। कंपनी ने भारत के बेहतरीन ड्रोन स्टार्टअप्स के साथ गठजोड़ किया है, जिससे किसानों को ड्रोन आधारित सर्विसेज दी जा सकें तथा ग्रामीण उद्यमियों के लिए आजीविका के नए अवसर सृजित हों। कृषि क्षेत्र में ड्रोन के कई प्रयोग हैं, जैसे स्प्रे, मैपिंग एवं सर्वे के जरिये फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना। इनकी मदद से कई मुश्किल कार्यों को आसानी से किया जा सकता है। इनकी मदद से खरपतवार, कीट एवं बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रयोग होने वाले पेस्टिसाइड्स को पूरे खेत में समान मात्रा में छिड़कना संभव होता है। इनसे समय बचता है और किसान अन्य कार्यों पर ध्यान देते हुए अपनी आमदनी बढ़ाने में सक्षम हो सकते हैं।