सात कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध एक साल के लिए बढ़ाया

जिन कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध जारी रहेगा, उनमें धान (गैर-बासमती), गेहूं, चना, सरसों और इसके उत्पाद, सोयाबीन और इसके उत्पाद, कच्चा पाम तेल और मूंग शामिल हैं।

भारत में सात कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध को एक और साल के लिए बढ़ा दिया गया है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि यह रोक अब 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेगी। जिन कृषि जिंसों के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध जारी रहेगा, उनमें धान (गैर-बासमती), गेहूं, चना, सरसों और इसके उत्पाद, सोयाबीन और इसके उत्पाद, कच्चा पाम तेल और मूंग शामिल हैं।

माना जा रहा है कि सेबी ने यह कदम खाद्य महंगाई को काबू में रखने और इन कृषि जिंसों की कीमतों में सट्टेबाजी रोकने के उद्देश्य से उठाया है। यह प्रतिबंध पहली बार दिसंबर 2021 में लगाया गया था, जिसे बाद में दिसंबर 2022 और दिसंबर 2023 में एक-एक साल के लिए बढ़ाया गया। तब से इन कृषि उपजों में वायदा कारोबार की अनुमति नहीं है। प्रतिबंध के तहत कमोडिटी एक्सचेंजों पर नए अनुबंध शुरू करने और मौजूदा अनुबंधों में कारोबार करने पर रोक है।

इस प्रतिबंध के जारी रखने इस धारणा को बल मिला है कि वायदा कारोबार से कृषि जिंसों की कीमतों में अस्थिरता बढ़ सकती है। हालांकि, कमोडिटी एक्सचेंज कीमतों में उतार-चढ़ाव के जोखिम के मद्देनजर प्राइस डिस्कवरी के लिए वायदा कारोबार को उपयोगी मानते हैं जबकि एक मत यह भी है कि इससे सट्टेबाजी और कीमतों में अस्थिरता की आशंका है।