इंटीग्रेटेड ग्रेन कॉमर्स प्लेटफॉर्म आर्य.एजी ने वित्त वर्ष 2021-22 में अनाज का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 1.1 अरब डॉलर पार करने में सफलता हासिल की है। इस वर्ष इसका ग्रॉस ट्रांजैक्शन वैल्यू 27 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया। खास बात यह रही कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ट्रांजैक्शन वैल्यू पहली तिमाही की तुलना में 4 गुना बढ़ गई। इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराए जाने वाले सॉल्यूशन का किसानों, एफपीओ, मिलर तथा कृषि निगमों ने इस्तेमाल किया
इस प्लेटफॉर्म से जुड़ा कर्ज देने का डिजिटल बिजनेस भी है। मार्च 2022 में इस प्लेटफॉर्म ने एक महीने में 100 करोड़ रुपए यानी 133 लाख डॉलर का कर्ज देने की उपलब्धि भी हासिल की। पूरी तरह सिक्योर्ड कर्ज पूरे वित्त वर्ष में दोगुना बढ़कर 650 लाख डॉलर हो गया। इसमें कंपनी की तरफ से लांच किए गए इंस्टा लोन का बड़ा योगदान रहा जिसमें कर्ज लेने की प्रक्रिया बहुत आसान कर दी गई है।
आर्य.एजी ने अपनी बैलेंस शीट से कर्ज देने के साथ-साथ 25 से ज्यादा बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी दो हजार करोड़ रुपए (26.5 करोड़ डॉलर) का कर्ज देने में मदद की। इसमें 3 गुना वृद्धि हुई है।
डिजिटल वेयरहाउसिंग, डिजिटल लैंडिंग और डिजिटल मार्केटप्लेस की बदौलत आर्य.एजी ने एग्रीटेक सेक्टर में अपनी स्थिति और मजबूत की है। कंपनी का दावा है कि वह इंडस्ट्री में एकमात्र कंपनी है जो मुनाफे में है।
पिछले वित्त वर्ष में आर्य ने सीरीज सी फंडिंग के तहत 6 करोड़ डॉलर जुटाए। कंपनी में निवेश करने वालों में एशिया इंपैक्ट एसए, लाइट रॉक इंडिया, कोना कैपिटल और ओमनीवोर शामिल हैं।
आर्य.एजी के एमडी और सह संस्थापक प्रसन्ना राव ने कहा, "हम डिजिटल टेक्नोलॉजी का फायदा कृषि के इकोसिस्टम में पहली पायदान पर खड़ी महिला किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को भी दे रहे हैं। कोविड-19 महामारी के कारण हमारी इंटीग्रेटेड सेवा का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा। भविष्य को लेकर भी हम काफी उत्साहित हैं।"