सहकारिता समिति अधिनियम के तहत देश का पहला कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र, वाराणसी में पंजीकृत किया गया है । यह एफपीओ हरी मिर्च और मशरूम प्रसंस्करण इकाई स्थापित करेगा। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज के मुताबिक 26 फरवरी, 2021 को पंजीकृत, उत्तर प्रदेश में वाराणसी के काशी विद्यापीठ ब्लॉक के अंतर्गत स्थित टिकरी गाँव में कृषक उत्पादक संगठन एवं उद्यानिक विपणन सहकारी समिति को उच्च स्तरीय सब्जी उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए स्थापित किया जाएगा । एफपीओ द्वारा मुख्य केंद्रित वस्तुओं में मशरूम एवं हरी मिर्च हैं।
सामान्यतः एफपीओ, कंपनी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत होते हैं। यह पहली बार है कि सहकारी समिति अधिनियम के अंतर्गत सरकार की केंद्रीय क्षेत्रक योजना के एक भाग के रूप में “कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन एवं संवर्धन” नामक ऐसी इकाई स्थापित की गई है, जिसके अंतर्गत 10,000 नए एफपीओ का गठन किया जाएगा और उन्हें बढ़ावा दिया जाएगा । इस योजना को 29 फरवरी, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लांच किया गया था। इसका मकसद किसानों को ‘आत्मनिर्भर’ बनने में मदद करना है।
इस योजना की पहली वर्षगांठ के अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि वर्तमान विपणन प्रणाली में रणनीतिक हस्तक्षेप करने तथा कृषि के विकास की दिशा में तेजी से किसान केंद्रित सुधार लाने पर जोर दिया गया है। इस योजना को, देश के कृषि इको-सिस्टम में एक गेम चेंजर बताते हुए उन्होंने कहा कि कम-से-कम एक ब्लॉक एक एफपीओ के साथ कुल 10,000 एफपीओ स्थापित करने का सरकार का लक्ष्य है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक एफपीओ अपने आप में एक रोल मॉडल हो ताकि अन्य किसान भी उनसे प्रेरणा ले सकें।
इस अवसर पर आयोजित एक वर्चुअल इवेंट में मंत्रालय के संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा अपने सहयोगियों केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी उपस्थिति थे।
इस योजना की कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC), केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अंतर्गत एक शीर्ष वित्त संस्था है, जो मशरूम उत्पादन और खेती के लिए बहु-सेवा केंद्र सुविधाओं की स्थापना में आगामी पांच वर्षों के लिए एफपीओ को संभालेगी । इसके साथ ही, एक पूर्णतः विकसित प्रयोगशाला निर्मित की जाएगी, जिसमें किसानों को मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। वैक्यूम नाइट्रोजन ड्राइंग की क्षमता वाले ड्रायर की स्थापना करके हरी मिर्च ड्राइंग प्रणाली को बेहतर बनाना है।
एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक संदीप नायक ने कहा कि देश में किसान एफपीओ स्थापित करने के इच्छुक हैं क्योंकि यह उनकी आय को बढ़ाने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा । उन्होंने कहा कि यह तो अभी सिर्फ शुरुआत है। उन्होंने कहा कि सरकार की देश में 10,000 नए एफपीओ बनाने और उन्हें बढ़ावा देने की योजना है, जिसके लिए 6,865 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। सरकार का लक्ष्य एफपीओ के माध्यम से कृषि को एक स्थायी उद्यम में परिवर्तित करना है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 1 जनवरी 2021 को वर्ष 2023-24 तक देश में 10,000 एफपीओ की स्थापना एवं संवर्धन के लिए नए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए थे। कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ), कृषि उत्पादकों के एक समूह द्वारा बनाई गई और संगठन के शेयरधारकों के रूप में उत्पादकों के साथ एक पंजीकृत निकाय है। यह कृषि उत्पाद से संबंधित व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित है और इसके सदस्य उत्पादकों के लाभ के लिए काम करता है।