बस्तर के कोंडागांव की अपूर्वा त्रिपाठी द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप "एमडी बॉटनिकल्स" को सर्वश्रेष्ठ उद्यमी का पुरस्कार दिया गया। यह एक्सीलेंस अवार्ड जसराज बरड़िया की स्मृति में दिया जाता है। चयन समिति द्वारा अंतिम रूप से चयनित नव उद्यमियों को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल थे।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव बस्तर के किसानों द्वारा अपने खेतों में उगाई गई विभिन्न जड़ी बूटियों,मसालों, काली मिर्च स्टीविया जैसे प्रमाणित जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर लाने में अपूर्वा त्रिपाठी और उनके स्टार्टअप एमडी बोटैनिकल्स के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदेश के अन्य युवाओं के लिए निश्चित रूप से प्रेरणादायक साबित होगा।
कोंडागांव, बस्तर की एमडी बॉटनिकल्स, "माँ दंतेश्वरी हर्बल ग्रुप" का एक विस्तार है, जिसका उद्देश्य ग्राहकों को सीधे रिटेल रेंज में गुणवत्तापूर्ण जड़ी-बूटियाँ और खाद्य पूरक प्रदान कर रहा है।
अपूर्वा त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में अपने प्रेरणा स्रोत डॉ. राजाराम त्रिपाठी, हर्बल वैज्ञानिक और प्रख्यात किसान नेता का उल्लेख करते हुए कहा कि डॉ. त्रिपाठी ने वर्ष 1996 में जैविक और हर्बल किसानों के जिस एक छोटे से समूह "माँ दंतेश्वरी हर्बल समूह" की स्थापना की थी वह तीन दशकों के कठिन संघर्ष के बाद आज सामूहिक भागीदारी के सिद्धांत पर कार्य करने वाला "एमडीएचपी ग्रुप" देश के प्रमाणिक जैविक जड़ी-बूटी उत्पादक किसानों का सबसे बड़ा समूह बन गया है। अपूर्वा ने बताया कि वह 2015 से एमडीएचपी समूह से जुड़ी हैं। अपूर्वा एक "बौद्धिक संपदा अधिकार कानून" की कांऊसलर भी हैं और बस्तर की जनजातियों के पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के बौद्धिक संपदा अधिकारों विषय पर पीएचडी कर रही हैं। अपूर्वा ने खुदरा रेंज में सर्वोत्तम गुणवत्ता, विशुद्ध प्राकृतिक, सिंथेटिक वह केमिकल मुक्त जैविक जड़ी-बूटियों और खाद्य संपूरकों की बढ़ती मांग और आवश्यकता को समझते हुए वर्ष 2022 में "एमडी बॉटनिकल " की स्थापना की और 100 ग्राम और 200 ग्राम के खुदरा पैकिंग में और कैप्सूल के रूप में भी जैविक उत्पादों की एक श्रृंखला पेश की। उत्पादों में इम्युनिटी बूस्टर, सर्टिफाइड ऑर्गेनिक पाउडर्स और फूड सप्लीमेंट्स शामिल हैं। वर्तमान में उनके पास लगभग 34 उत्पाद है और जल्द ही वह अपने उत्पादों की श्रृंखला की संख्या में और वृद्धि करना चाहती हैं। बस्तर की आदिवासी महिलाओं का समूह इन उत्पादों को तैयार करने के लिए एमडी बॉटनिकल का मुख्य हिस्सा हैं।
एमडी बॉटनिकल्स की पहली यूएसपी यह है कि यह किसी भी कच्चे माल को आउटसोर्स नहीं करता है बल्कि उन्हें अपने खेतों में ही पैदा करते हैं, ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। इस संस्थान की दूसरी यूएसपी यह है कि इस संस्था में 90% सहभागी बस्तर कीआदिवासी महिलाएं हैं। इनके पास राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सभी स्तर पर सभी आवश्यक गुणवत्ता प्रमाणपत्र हैं।
सोने और चांदी के आभूषणों के निर्माण तथा निर्यात के लिए विख्यात एटी ग्रुप द्वारा रोटरी हेरिटेज रायपुर के तत्वावधान में प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप को प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार उन नए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए दिये गए जो समाज में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं। अपूर्व त्रिपाठी के अलावा पुरस्कार पाने वालों रितेश अग्रवाल, देव गर्ग और द टेकमेम्ट टेक्नोलॉजी शामिल हैं। कार्यक्रम के आयोजक और एटी ग्रुप के सनत जैन ने बताया कि इस पुरस्कार के आवेदन और जूरी द्वारा पुरस्कारों के लिए ऊंचे मापदंड तय किए गए थे। चयन समिति के सदस्यों में इंदिरा मिश्रा (रि.आईएएस), अजय पांडे (आईआरएस),एटी ग्रुप के शांतिलाल बरड़िया, सनत जैन, महेंद्र कश्यप, पंकज शर्मा और तोशन चंद्राकर शामिल थे।