एग्रीफूड-टेक स्टार्टअप में निवेश 33 फीसदी घटा

किसानों से जुड़े और आपूर्ति श्रृंखला में नवाचार करने वाले अपस्ट्रीम स्टार्टअप्स ने वैश्विक गिरावट को पीछे छोड़ते हुए 2022 में 61.7 करोड़ डॉलर जुटाने में सफलता हासिल की है। यह 2021 से 50 फीसदी अधिक है। 2021 में इन स्टार्टअप्स ने 40.9 करोड़ डॉलर जुटाए थे। इस दौरान फार्मटेक निवेश भी अपेक्षाकृत मजबूत रहा। 2022 में इस क्षेत्र में निवेश 1.1 अरब डॉलर रहा है जो 2021 की तुलना में केवल 15 फीसदी कम है।

ग्लोबल स्तर पर भी इनमें निवेश घटा है।

देश के एग्रीफूड-टेक स्टार्टअप में निवेश में 2022 में 33 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है। वर्ष 2021 के 3.6 अरब डॉलर के मुकाबले निवेश घटकर 2.4 अरब डॉलर रह गया है। एगफंडर (AgFunder) और ओमनिवोर (Omnivore) की ओर से जारी पांचवीं इंडिया एग्रीफूडटेक इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।   

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ही नहीं दुनियाभर की एग्रीफूड-टेक स्टार्टअप में निवेश में गिरावट आई है। यह ऐसा क्षेत्र है जिसके उज्जवल भविष्य को देखते हुए निवेशकों ने किसानों और जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित नवाचारों का समर्थन किया है। एगफंडर और ओमनिवोर की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारतीय कृषि पर जलवायु परिवर्तन के असर को लेकर बढ़ती चिंताओं ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। छोटे किसानों के लिए किफायती और अनुकूल समाधान देने के प्रयासों ने निवेशकों को प्रोत्साहित किया है।

बयान में कहा गया है कि किसानों से जुड़े और आपूर्ति श्रृंखला में नवाचार करने वाले अपस्ट्रीम स्टार्टअप्स ने वैश्विक गिरावट को पीछे छोड़ते हुए 2022 में 61.7 करोड़ डॉलर जुटाने में सफलता हासिल की है। यह 2021 से 50 फीसदी अधिक है। 2021 में इन स्टार्टअप्स ने 40.9 करोड़ डॉलर जुटाए थे। इस दौरान फार्मटेक निवेश भी अपेक्षाकृत मजबूत रहा। 2022 में इस क्षेत्र में निवेश 1.1 अरब डॉलर रहा है जो 2021 की तुलना में केवल 15 फीसदी कम है।

बयान में कहा गया है कि एग्रीबिजनेस मार्केटप्लेस और फिनटेक अपस्ट्रीम श्रेणी में निवेशकों के बीच सबसे ज्यादा लोकप्रिय रहे। जबकि डाउनस्ट्रीम, फूड डिलीवरी और थोड़े नए नवाचार वाले स्टार्टअप में निवेशकों की दिलचस्पी कम रही। भारत में पूंजी की उपलब्धता दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ कम हो गई है। हालांकि विकसित बाजारों जितनी तेजी से पूंजी उपलब्लधता घटी है वैसी स्थिति भारत में नहीं है। भारतीय वेंचर इनवेस्टर्स अपस्ट्रीम एग्रीफूड-टेक इनोवेशंस को लेकर उत्साहित हैं। खासकर, उनमें जो जमीनी स्तर पर संचालन और आपूर्ति श्रृंखला में काम कर रहे हैं, जो छोटे किसानों के लिए बेहतर पेशकश और किफायती समाधान प्रदान करते हैं।

इसके विपरीत, पिछले कुछ वर्षों में भारी फंडिंग को आकर्षित करने के बावजूद डाउनस्ट्रीम स्टार्टअप्स में निवेश 2022 में साल-दर-साल 37 फीसदी घट गया है। महामारी का असर कम होने और लॉकडाउन खत्म होने के बाद कई डाउनस्ट्रीम स्टार्टअप्स 2020 और 2021 की ग्रोथ की रफ्तार बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे थे। कोविड-19 के दौरान 2020 और 2021 में इन स्टार्टअप्स की ग्रोथ काफी तेज रही थी। खासकर ऐसे स्टार्टअप्स जिनका पूरा फोकस होम डिलीवरी पर था। होम डिलीवरी बाजार में अब निवेशकों की रुचि कम हो गई है। बयान में कहा गया है कि उम्मीद है कि आने वाले महीनों में इस बाजार में बहुत कम स्टार्टअप आएंगे। मौजूदा कंपनियों के बीच विलय और अधिग्रहण की गतिविधि अधिक होगी।

एगफंडर के संस्थापक भागीदार माइकल डीन ने कहा, “विश्व स्तर पर स्टार्टअप्स के लिए चुनौतीपूर्ण फंडिंग का माहौल है। भारत इससे अलग नहीं है। अपस्ट्रीम फाइनेंसिंग में हालांकि वृद्धि दर्ज की गई है जो इस क्षेत्र के उज्जवल भविष्य को दर्शाता है। साथ ही खाद्य उत्पादन और वितरण प्रणालियों की कई खामियों को दर्शाने वाली प्रौद्योगिकियों को वित्त पोषित करने की तात्कालिकता को दर्शाता है जो जलवायु परिवर्तन और भूख में योगदान करते हैं।

ओमनिवोर के मैनेजिंग पार्टनर मार्क कान ने कहा, “भारत का एग्रीफूड-टेक इकोसिस्टम 2023 में टेस्ट स्टार्टअप्स पर जोर देगा। जबकि वेंचर कैपिटल कम वैल्यूएशन वाले बेहतर सौदे कर सते हैं। अस्थायी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत में एग्रीफूड-टेक आगे बढ़ना जारी रखेगा।”