तरल नैनो यूरिया के बाद देश की सबसे बड़ी सहकारी उर्वरक उत्पादक इफको नैनो डीएपी उर्वरक बाजार में उतारने जा रही है। इसकी 500 मिलीलीटर बोतल की कीमत 600 रुपये होगी। इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने डिजीटल मीडिया प्लेटफार्म रूरल वॉयस द्वारा आयोजिक रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड नेकॉफ अवार्ड के मौके पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नैनो उर्वर के बाजार में आने और किसानों द्वारा उसका उपयोग करने से सरकार को सब्सिडी और विदेशी मुद्रा की भारी बचत होगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इफकी की नैनो जिंक, नैनो पोटाश और नैनो कॉपर उर्वरक बनाने भी योजना है।
रूरल वॉयस के दो साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कॉन्क्लेव में डॉ. अवस्थी ने इफको के इस कदम की जानकारी देते हुए बताया कि नैनो यूरिया जहां किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है वहीं इससे पर्यावरण को भी फायदा है क्योंकि इसकी एफिसिएंशी काफी अधिक है। इफको ने जून, 2021 में नैनो तरल यूरिया लांच किया था जो पारंपरिक यूरिया का बेहत विकल्प साहित हो रहा है। नैनो यूरिया के उत्पादन के लिए इफको ने संयंत्र स्थापित किये हैं।
डॉ. अवस्थी ने बताया कि इफको ने अभी तक पांच करोड़ नैनो यूरिया बोतल का उत्पादन किया है जिसमें से 4.85 करोड़ नैनो यूरिया बोतल बिक चुकी हैं। नैनो यूरिया पर कोई सब्सिड़ी नहीं है और इसकी एक बोतल किसानों को 240 रुपये में बेची जाती है। इसके चलते जहां सरकार को सब्सिडी में बचत हो रही है वहीं यह अधिक प्रभावी होने के साथ पर्यावरण अनुकूल है और किसानों को किफायती कीमत पर उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि इफको ने डाई अमोमियम फॉस्फेट (डीएपी) विकसित किया है उसे बाजार में बेचने के लिए सरकार से मंजूरी की अनुमति मांगी है। उन्होंने घोषणा की कि इफको नैनो डीएपी की 500 मिलीलीटर की एक बोतल की कीमत 600 रुपये होगी। जबकि डीएपी का एक बैग 1350 रुपये की कीमत पर मिलता है। नैनो डीएपी की एक बोतल पारंपरिक डीएपी के एक बैग के बराबर काम करती है।
कार्यक्रम में संबोधन के बाद संवाददाताओं के साथ बात करते हुए डॉ. अवस्थी ने कहा कि हमने नैनो डीएपी के लिए सरकार से मंजूरी का जो आवेदन किया है उस पर अगले माह के अंत तक सरकार की मंजूरी मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि अगले चार-पांच साल में यूरिया और डीएपी के आयात की जरूरत में भारी कमी आने की संभावना है जिसके चलते विदेशी मुद्रा और सब्सिडी की भारी बचत होगी। नैनो उर्वरकों के चलते सरकार को सब्सिडी बिल में भारी बचत होने की संभावना है।
चालू वित्त वर्ष में उर्वरक सब्सिडी के 2.25 लाख करोड़ रुपये से 2.5 लाख करोड़ रुपये के बीच रहने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष में 1.6 लाख करोड़ रुपये रही थी।
इसके पहले कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान ने भी नैनो यूरिया के फायदों पर चर्चा करते हुए कहा कि यह किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया इस बात का सुबूत है कि किसानों को तकनीक के जरिये बेहतर फायदा हो सकता है और उनको इसका लाभ लेना चाहिए। डॉ. बालियान ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में लागत का कम करना एक महत्वपूर्ण कदम है।