शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में आयोजित रूरल वॉयस एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव एंड नेकॉफ अवार्ड्स, 2022 के दौरान में विभिन्न कैटेगरी में चार पुरस्कार दिए गए। कृषि कार्यों में बेहतरीन उदाहरण पेश करने के लिए उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के ग्राम सेहरा निवासी जयवीर सिंह को रूरल वॉयस नेकॉफ अवार्ड से पुरस्कृत किया गया। फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) कैटेगरी में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के नॉर्दर्न फार्मर्स मेगा एफपीओ को अवार्ड मिला। उत्तराखंड के साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ लिमिटेड को सहकारिता के लिए और भारत के सबसे बड़े ग्रेन कॉमर्स प्लेटफॉर्म आर्या.एजी को एग्री स्टार्ट-अप श्रेणी में पुरस्कार दिया गया। कॉन्क्लेव के मौके पर एक पुरस्कार समारोह में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान ने अवार्ड प्रदान किए।
रूरल वॉयस नेकॉफ अवार्ड समारोह की एक फोटो
रूरल वॉयस नेकॉफ पुरस्कार की स्थापना रूरल वॉयस और सहकारी संस्था नेकॉफ ने की है। पुरस्कार के लिए एक चयन समिति ने चार श्रेणियों के लिए पुरस्कृत होने वाली संस्थाओं और व्यक्तियों का चयन किया। डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म रूरल वॉयस की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर चयनित संस्थानों और किसान को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार के लिए कृषि उत्पादन प्रक्रिया के लिए बेहतर कार्य करने वाले किसान, सहकारिता क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाली सहकारी संस्था। एफपीओ श्रेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एफपीओ और एग्री स्टार्ट-अप क्षेत्र में कार्य करने वाले स्टार्ट-अप श्रेणी रखी गई थी।
साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ
-केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालियान से पुरस्कार ग्रहण करते साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ लिमिटेड के एमडी आनंद अमृतराज दत्त शुक्ला। साथ में हैं (दाएं) इफको के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. उदय शंकर अवस्थी और (बाएं) रूरल वॉयस के एडिटर-इन-चीफ हरवीर सिंह
साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ लिमिटेड, उत्तराखंड ने देहरादून और हरिद्वार में पांच पैक्स के एक हजार तीन सौ तिरेसठ किसानों को जोड़ा है। इसने झाजरा, नाथूवाला पलियो, विकास नगर, हरबर्टपुर, सहसपुर, चौली, बंजरवाला और खेलपुर के गांवों में सहकारी कृषि की शुरुआत की है। प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद से अभी तक 15 हजार से अधिक मीट्रिक टन बेल्ड साइलेज का उत्पादन किया गया है। इसके 2,540 एकड़ में मक्के की खेती होती है। साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ लिमिटेड अब तक 455 लाख किसानों को वित्तीय मदद कर चुका है।
किसान जयवीर सिंह
-केंद्रीय मंत्री से अवार्ड लेते किसान जयवीर सिंह और उनकी पत्नी ममतेश कुमारी
जयवीर उन किसानों में हैं जिन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद खेती को चुना। वे करीब दो दशक से कृषि कार्य कर रहे हैं। उन्होंने पाया कि पारंपरिक तरीके से खेती में फसलों के उत्पादन के साथ मिट्टी की उपजाऊ क्षमता घट रही है। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अधिक प्रयोग से लागत तो बढ़ती ही है, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर भी बुरा असर होता है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सहफसली पद्धति को अपनाया। उन्होंने गन्ने की मुख्य फसल के साथ आलू, प्याज अरबी, अलसी, बंद गोभी, तिलहन और दलहन की फसलें लगाईं। इससे उत्पादन तो बढ़ा ही, मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ गई। बीज, रासायनिक खाद और कीटनाशकों की लागत घटने के साथ पानी की जरूरत भी आधी रह गई है।
नॉर्दन फार्मर्स मेगा एफपीओ
-नॉर्दन फार्मर्स मेगा एफपीओ की तरफ से इसके डायरेक्टर पुनीत सिंह थिंड ने पुरस्कार ग्रहण किया
नॉर्दन फार्मर्स मेगा एफपीओ पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (FPO) की फेडरेशन है। इसकी स्थापना फरवरी 2020 में हुई थी। आज इसके सदस्य FPO की संख्या 43 हो गई है, जिनके माध्यम से करीब 12 हजार किसान इससे जुड़े हैं। यह फेडरेशन मुख्य रूप से एग्री इनपुट एग्रीगेशन, क्वालिटी एश्योरेंस, मार्केट लिंकेज कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग जैसे क्षेत्रों में कार्य करती है। नॉर्दन फार्मर्स मेगा एफपीओ उत्तर भारत की कई प्रमुख फसलों- बासमती, हाई वैल्यू गेहूं, आलू, टमाटर, प्याज, किन्नू, गाजर इत्यादि की वैल्यू चेन बनाने पर काम कर रही है।
ग्रेन कॉमर्स प्लेटफॉर्म आर्य.एजी
-आर्य.एजी की तरफ से इसके सह-संस्थापक और सीईओ प्रसन्ना राव ने पुरस्कार ग्रहण किया
भारत का सबसे बड़ा ग्रेन कॉमर्स प्लेटफॉर्म आर्य.एजी कृषि उपज के विक्रेताओं और खरीदारों को जोड़ने के साथ मात्रा, क्वालिटी और पेमेंट का आश्वासन भी देती है। इस प्लेटफॉर्म के कारण किसानों को मजबूर होकर अपनी उपज नहीं बेचनी पड़ती। उपज कब और किसे बेचना है, इसके लिए किसान स्वतंत्र होते हैं। आर्य.एजी की मौजूदगी देश के 10 हजार से ज्यादा कमोडिटी स्टोरेज प्वाइंट में है। आर्य के क्लाइंट में किसान, एपीओ, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन, एसएमई एग्री प्रोसेसर, कमोडिटी ट्रेडर और एग्री बिजनेस कॉर्पोरेट शामिल हैं।